हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो सके मन की शांति बड़े , बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके शिक्षा ना केवल अपने आप में एक लक्ष्य है बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन की प्रबल वाहक भी है| जीवन में मिला एक श्रेष्ठ शिक्षक, एक दिशाहीन विद्यार्थी को भी आदर्श नागरिक के रूप में प्रतिष्ठित करने की सामर्थ्य रखता है ,यह बड़े ही हर्ष का विषय है कि यह अपने विद्यार्थियों को अपने सामने सर्वागीण व्यक्तित्व निर्माण का अवसर प्रदान करता है|
शैक्षिक गुणवत्ता को बढाने की दिशा में एक नवीन परंपरा स्थापित करने वाले संस्थान के रूप में ख्याति अर्जित की है | परीक्षा परिणामो व बुनियादी सुविधाओं में निरंतर सुधार, नवीनतम शिक्षण अधिगम के तरीके और शिक्षकों के समय समय पर प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना , इन सभी युक्तियो ने विद्यालय को अन्य सभी शिक्षण संस्थानों से अलग एवं उत्कृष्ट संस्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है|
बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आज यह महत्वपूर्ण हो गया है की ज्ञान का विस्तार ना केवल अध्यापन और कार्य प्रणाली के सन्दर्भ में हो बल्कि विषय बस्तु की गहनता के सन्दर्भ में हो | युवा पीढ़ी के गिरते हुए नैतिक मूल्यों के सन्दर्भ में यह स्वीकारने की महती आवश्यकता है कि शिक्षण कार्य के प्रति उचित श्रद्धा भाव उत्पन्न किया जाए और शिक्षकों को समाज में यथोचित सम्मान दिया जाए| मै यहाँ उल्लेख करना चाहूंगा कि एक सृजनशील समाज की जड़े, सशक्त शिक्षा प्रणाली में ही निहित है , शिक्षको का प्रथम कर्तव्य विद्यार्थियो को सकारात्मक सोच और कौशल के साथ-साथ श्रेष्ठ मनुष्य बनने की शिक्षा देना और राष्ट्र निर्माण के कार्य में भाग लेने योग्य बनाना है |
मुझे विश्वास है कि मैं और मेरे सभी मिलकर आगामी वर्षो में अपनी सत्यनिष्ठा और ……. के नवीन आयाम स्थापित कर विद्यालय को शिक्षा जगत का उत्कृष्ट संस्थान बनाए रखने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे |
जय हिंद जय भारत
असीम शुभकामनाओं सहित