यह एक कटु सत्य है कि वर्तमान समय में अधिकांश विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण बनाने का प्रयास ही नहीं किया जाता है, जब हम किसी पौधे को अनुकूल वातावरण ही नहीं देंगे तो भला उसके सुद्रण उपयोगी वृक्ष बनाने की कल्पना कैसे कर सकते हैं हम यह कहेंगे कि सारी गलती पौधे की है वह क्यों नहीं बना |
अतःग्रामीण बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी जो कक्षा आठ पास कर अपनी शिक्षा रोक कर बैठ जाते थे अपनी शिक्षा को आगे जारी रखते हुए विश्वविद्यालय शिक्षा प्राप्त कर अपने स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर सकें |
यदि हमारी संस्था द्वारा इस पीढ़ी को सही संस्कार ब शिक्षा प्राप्त होती है तब हम समझेंगे की हमने अपने समाज व देश के लिए कुछ किया है किन्तु इसमें आप सभी क्षेत्र वासियों का भी अमूल्य योगदान निहित होगा
भारत माता की जय
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है
धन्यवाद